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भारत ही सुरज
दूजे दीप है सारे
कदरत भी दील से चाहे
देश मेरा आबाद रहे ।।धृ।।
मिलकर दीप हजार
सुरज संग बराबरी
कैसे कर पाये
देश मेरा आबाद रहे ।।१।।
जैसे अंबर का
टीका सुरज
धरती को कुमकुम
दे गई कुदरत
वह मेरा देश है भारत
जग मे इकलौता
भारत माता कहलाये
देश मेरा आबाद रहे ।।२।।
जग मे न्यारी
भारत की नारी
जो यमराज से वापस
प्राण पति के लाये
देश मेरा आबाद रहे ।।३।।
यहाँ की संस्कृती
जैसे पिरोई रत्नों की माला
छाये साया अगर काला
उसे हम धूल चटाये
देश मेरा आबाद रहे ।।४।।
यहाँ के लोग दीलदार
आपस मे है बंधू प्यार
यहा जो भी आये
अपना हो जाये
देश मेरा आबाद रहे ।।५।।
– शितल शांताराम पाटील
शेळगाव
9325533279